श्री राधा स्काई गार्डन सोसाईटी है समस्याओं का भंडार, निवासियों की जान-माल पर बन आयी ये समस्याएं |

ग्रेटर नोएडा वेस्ट: सेक्टर 16बी स्थित श्री राधा स्काई गार्डन में वैसे तो कई समस्याएँ हैं, लेकिन कुछ ऐसी प्रमुख समस्याएँ हैं जो निवासियों की जान-माल को सीधे खतरे में डाल रही हैं। इनमें से एक है बेसमेंट में सीपेज और लीक की समस्या, जिसकी वजह से सरिए, कॉलम और पूरी

बिल्डिंग का स्ट्रक्चर दिन-ब-दिन कमजोर होता जा रहा है, और निवासियों को हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि कहीं किसी दिन इमारत ढह न जाए और वे मलवे के नीचे न दब जाएँ। यही मुख्य वजह है जिसकी वजह से आज तक कार पार्किंग का अलॉटमेंट नहीं हो पाया है और आए दिन पार्किंग के नाम पर लड़ाइयाँ होती रहती हैं।दूसरी प्रमुख समस्या यहाँ की बिल्डिंग्स की फायर फाइटिंग सिस्टम से जुड़ी हुई है। अधिकतर टॉवर्स में फायर फाइटिंग सिस्टम का इंस्टॉलेशन ही नहीं किया गया है, और जहां यह सिस्टम लगा हुआ है, वहां भी यह कई वर्षों से बंद पड़ा है। सोसाइटी में पहले ही कई आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।

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कहते हैं, “जल ही जीवन है,” और अगर जल की बर्बादी हो रही है, तो इसका सीधा मतलब निवासियों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। श्री राधा स्काई गार्डन में इस समय 16 कार्यरत टावर हैं, जिनमें से अधिकांश टावरों में ओवरहेड टैंकों पर ऑटो कट सिस्टम नहीं है। इसका अर्थ है कि पानी की पंपिंग मैन्युअल रूप से की जाती है, और जब ज़िम्मेदार व्यक्ति सो जाता है या भूल जाता है, तो पानी बेवजह बर्बाद होता रहता है।निवासी बार-बार संदेश भेजकर इस बारे में सूचित करते हैं, फिर भी पानी की बर्बादी नहीं रुकती। यह एक गंभीर अपराध है, जिस पर अथॉरिटीज़ को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। जब से यह society बनी है, तब से यहां पानी की बर्बादी हो रही है।

इसके अलावा भी कई समस्याएँ हैं जिस पर निवासीयों का कहना है

डीजी बैकअप: एलेक्ट्रिसिटी बैक अप के लिये हमारे खुद का डीजी खरीदा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि डीजी का लोड पर्याप्त हो। डीजी रेंटेड नहीं, बल्कि हमारा खुद का होना चाहिए।

बेसमेंट सीपेज और लीकेज:

बेसमेंट मे सीपेज और लीकेज की समस्या का त्वरित निदान किया जाय। यह एक बहुत ही चिंता जनक मामला है। तभी पार्किंग अलोटमेंट हो पायेगा।

स्विमिंग पूल: स्विमिंग पूल, जो कि मई के अंतिम सप्ताह तक भी नहीं चल पाया, उसे तुरंत चालू किया जाए।

पानी की बर्बादी: हज़ारों लीटर पानी की बर्बादी को रोकने के लिए हर टावर के ओवरहेड टैंक में ऑटो कट सिस्टम लगाया जाए।

साफ-सफाई और सुरक्षा: बेहतर साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था का इंतज़ाम किया जाए। वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया जाए।

निर्माण कार्य: अधूरे पड़े टावर 11, 15 और 17 का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए और बेचारे निवासियों, जो पिछले 8 बरसों से से इंतज़ार कर रहे हैं, उनका घर दिया जाए।

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