ग्रेटर नोएडा हादसे के बाद आएगा नया लिफ्ट कानून क्या कहते है मैन्युफैक्चरिंग कंपनी


नोएडा: नोएडा में लिफ्ट को लेकर आए दिन घटनाए होती रहती है, लेकिन अब लोगें ने लिफ्ट कानून (Lift Act) लागू करने की मांग कर रहे है. ग्रेटर नोएडा के आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट साइट पर हुए हादसे के बाद इसकी मांग में और तेजी आई है. बता दें कि पिछले दिनों आम्रपाली के ड्रीम वैली प्रोजेक्ट पर लिफ्ट हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद कई परिवारों के चिराग बुझ गए. ग्रेटर नोएडा हादसे के बाद यूपी सरकार ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है. आम्रपाली के साइट पर काम भी बंद कर दिया गया है.मिली जानकारी के अनुसार एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के सिविल इंजीनियर बताते हैं, एक लिफ्ट की आयु अमूमन 20-25 साल तक ही रहती है. 20 से 25 साल के बाद लिफ्ट बदल देनी चाहिए. वह भी तब जब आप उसकी मरम्मति के साथ रखरखाव का ठीक से ध्यान रखते हैं. अगर आप मरम्मत ठीक समय पर नहीं कराते हैं, तो आपको जल्दी भी लिफ्ट बदलवाना पड़ सकता है. मेरे समझ से नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के मुताबिक 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाली इमारत के लिए लिफ्ट लगाना अनिवार्य है. इसके साथ ही 30 मीटर से ऊंची बिल्डिंग के लिए स्ट्रेचर लिफ्ट भी अनिवार्य है.
लिफ्ट लगाने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है

लिफ्ट लगाने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है. घरेलू लिफ्ट लगाने के लिए कम से कम 20 से 25 वर्ग फुट जगह होनी चाहिए. 13-15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाली इमारत में ही लिफ्ट लगानी चाहिए. ल‍िफ्ट में कम से कम छह लोगों का वजन सहने की क्षमता वाली होनी चाहिए. अगर कोई बिल्डिंग 15 मीटर से ज्यादा ऊंची है तो उसमे 8 पैसेंजर वाली फायर लिफ्ट होनी चाहिए. 15 मीटर से ज्यादा ऊंची इमारतों में लगी लिफ्ट के दरवाजे ऑटोमेटिक होने चाहिए. बीआईएस ने लिफ्ट के स्पीड भी निर्धारित की है. किसी भी लिफ्ट को उस बिल्डिंग के सबसे ऊपर जाने के लिए 60 सेकंड का वक्त होना चाहिए,

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