नोएडा: सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट ने लगाई लिफ़्ट एक्ट पर मुहर ।बहुमंजिला इमारतों में आए दिन होने वाले लिफ्ट हादसों को रोकने के लिए नए एक्ट को मंजूरी मिल गई है । सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान लिफ्ट एक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । इस प्रस्ताव के पास होने से लिफ्ट हादसों के लिए जिम्मेदारी तय करने की राह आसान होगी। लिफ्ट एक्ट के ज़रिए बिल्डर और मेंटेनेंस विभाग, दोनों को कार्रवाई के दायरे में लाया जा सकेगा।
ग़ौरतलब है कि एनसीआर में लगातार लिफ्ट हादसों में बढ़ोतरी देखी गई है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग़ाज़ियाबाद में अक्सर किसी न किसी सोसायटी में लिफ्ट गिरने, फंसने और बंद होने की दुर्घटनाए सामने आती रहती हैं । लेकिन एक्ट के अभाव में जवाबदेही तय करना मुश्किल रहता था और हादसों के बाद आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहता था । पिछले दिनों नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद से कई लिफ्ट हादसों की घटनाए सामने आई हैं।सिर्फ नोएडा में ही ऐसे हादसों में करीब १० लोग जान गँवा चुके हैं और कई घायल हुए हैं । इस मुद्दे को जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह भी विधानसभा में उठाते रहे हैं। वहीं अब सीएम योगी आदित्यनाथ का भी इसे लेकर सख़्त रुख़ है। इस कारण योगी कैबिनेट ने लिफ्ट एक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कब कब सामने आए हादसे
पारस टिएरा हाउसिंग सोसायटी में 3 अगस्त साल 2023 को एक लिफ्ट हादसे में महिला ने जान गंवाई। 70 साल की महिला सुशीला देवी को लिफ्ट की तार टूटने से जान गंवानी पड़ी । सुशीला अपने बेटे और बहु के साथ इस सोसायटी में रहती थी। वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निर्माणाधीन हाउसिंग सोसायटी में हुए एक हादसे में 9 मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए थे। यहां सभी लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। जिसके बाद लिफ्ट एक्ट को लेकर मांग तेज हो गई थी। हालांकि इस हादसे के बाद एनबीसीसी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
अन्य राज्यों से लेंगे सीख
कई राज्यों में यह एक्ट पहले से ही लागू है। वहीं यूपी में लंबे समय से उठ रही मांगों को ध्यान में रखते हुए इस एक्ट का प्रस्ताव कैबिनेट द्वारा मंजूर किया गया है। यूपी से पहले महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू है। इन्हीं की तर्ज पर यूपी में लिफ्ट एक्ट की रूपरेखा तय की गई है।
जनसाधारण के लिए यह एक बहुत बड़ी राहत है, परन्तु Prevention is a always better than cure, लिफ़्ट हादसे न हों, इस पर सभी को ध्यान देना चाहिए ।