UP रेरा में बिना नोटरी शपथ-पत्र के समझौते अमान्य होंगे

गौतमबुद्धनगरः UP रेरा में आवंटियों द्वारा दायर शिकायतों की सुनवाई या आदेश के कार्यान्वयन की कार्यवाही के दौरान पक्षकारों द्वारा आपसी समझौता दाखिल करके समझौते के आधार पर मामले के निस्तारण का अनुरोध किया जाता है। UP रेरा द्वारा यह अनुभव किया गया कि बहुत से मामलों में समझौता स्थापित प्रक्रिया के अनुसार नहीं होता है और बाद में कुछ पक्षकारों द्वारा समझौते से इनकार भी कर दिया जाता है। UP रेरा द्वारा शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावकारी बनाने के उद्देश्य से पक्षकारों के मध्य समझौते का तरीका तय कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में दिनांक 02 फरवरी, 2024 को आवश्यक आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

UP रेरा द्वारा यह अनिवार्य कर दिया गया है कि यदि प्रोमोटर तथा आवंटी द्वारा आपसी समझौते के माध्यम से विवाद के समाधान का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है, तो इस प्रकार का समझौता 100 रूपये के नॉन-ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर लिखा जाएगा, समझौता नोटराइज्ड होगा, इस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होंगे, उनके एक-एक गवाह के हस्ताक्षर होंगे, प्रोमोटर की ओर से उनके किसी डायरेक्टर या किसी अधिकृत वरिष्ठ अधिकारी जैसे कि एम.डी. या सी.ई.ओ. द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह भी कहा गया है कि समझौता विधि सम्मत हो तथा दोनों पक्षों की स्वतंत्र सहमति के आधार पर हो। समझौते की शर्तें स्पष्ट रूप से लिखी गयी हों।

UP रेरा की पीठों द्वारा प्रोमोटर तथा आवंटी के मध्य समझौते का सत्यापन किया जाएगा और यदि उनमें से एक पक्ष उपस्थित होकर सत्यापन नहीं करता है तो उनसे ई-मेल पर सत्यापन कराया जाएगा। निर्धारित अवधि में कोई उत्तर न प्राप्त होने पर समझौते पर सम्बन्धित पक्षकार की सहमति मानते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी। UP रेरा में आदेश के कार्यान्वयन के दौरान प्रोमोटर द्वारा प्रस्तुत समझौते को रेरा के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और शिकायतकर्ता को ई-मेल भेजकर उनसे समझौते की पुष्टि करायी जाएगी। उनकी पुष्टि प्राप्त होने पर या निर्धारित अवधि में कोई उत्तर न प्राप्त होने पर समझौते को स्वीकार करते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी।

श्री संजय भूसरेड्डी अध्यक्ष, UP रेरा द्वारा यह बताया गया कि शपथ-पत्र से पोषित तथा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार निष्पादित समझौते दोनों ही पक्षकारों के हित में हैं तथा भविष्य में उ.प्र. रेरा में या किसी अन्य फोरम पर उनके द्वारा समझौते से इनकार नहीं किया जा सकेगा। ऐसे समझौते विवादों के स्थायी समाधान में सहायक होंगे। श्री भूसरेड्डी द्वारा यह भी कहा गया कि UP रेरा हितधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए लगातार नितीगत तथा प्रक्रियात्मक सुधार करने के लिए दृढ़-संकल्प है।

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