सपनों का आशियाना खरीदने से पहले जान ले ये नियम नहीं तो फंस सकता है मेहनत की कमाई

नोएडा: आवासीय प्रोजेक्ट में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो जरा रुकिए. उत्तर प्रदेश रेरा ने आपके लिए कुछ गाइडलाइंस जारी किए हैं. जिससे आप ठगी के शिकार नहीं होंगे. रेरा के सचिव प्रमोद उपाध्याय ने रविवार को बताया कि अक्सर लोग आवासीय परियोजनाओं में निवेश के दौरान ठगी का शिकार हो जाते हैं उससे बचने के लिए रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़े बैंक खातों के लिए 70 व 30 प्रतिशत का नियम पालन करने के प्रावधान दिये गए है.
क्या है प्रावधान जानना है आवश्यक
सचिव प्रमोद उपाध्याय बताते हैं कि रेरा ने रियल एस्टेट परियोजनाओं से संबंधित बैंकिंग प्रक्रिया को और भी अधिक सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने के लिए स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) को पत्र लिखकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देशों तथा रेरा अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप बैंक खातों का संचालन सुनिश्चित कराने को कहा है. किसी भी नई रियल एस्टेट परियोजना के लिए तीन बैंक खाते खोलने के साथ-साथ यूपी रेरा ने राज्य स्तरीय बैंक समिति को निम्नलिखित बिंदुओं पर वित्तीय

संस्थानों को निर्देश जारी करने के लिए कहा है:

  1. परियोजना के बैंक खाते खुलवाने की प्रक्रिया में ही प्रोमोटर द्वारा बैंक या वित्तीय संस्थानों को एक स्थायी सलाह (स्टैन्डिग इन्स्ट्रक्शन) दी जाएगी जिसके अनुसार परियोजना के कलेक्शन खाता में धनराशि आते ही स्वतः 70 प्रतिशत धनराशि सेपरेट खाता में और अधिकतम 30 प्रतिशत, ट्रांजेक्शन खाता में हस्तान्तरित कर दी जाए.
  2. बैंक खाते केवल मुख्य प्रोमोटर के नाम पर ही खोले जाएंगे और धनराशि के उपयोग केवल परियोजना निर्माण के लिए सुनिश्चित कराने हेतु वित्तीय संस्थान कलेक्शन व सेपरेट बैंक खाते के संचालन हेतु डेबिट कार्ड, चेक बुक तथा नेट बैंकिंग की सुविधा प्रोमोटर को उपलब्ध नहीं कराएंगे.
  3. उपरोक्त बिंदुओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के उपरान्त बैंक द्वारा रेरा कार्यालय को सीधे सूचना भेजी जायेगी और प्रोमोटर द्वारा उ.प्र. रेरा पोर्टल, www.up-rera.in, पर यह सूचना अपलोड की जाएगी.

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