ग्रेटर नोएडा : सुपरटेक इकोविलेज-1 में AOA चुनाव से पहले शुरू हुई 100 रुपए की ‘स्पीड ब्रेकर वसूली’ ने निवासियों का पारा 44 डिग्री से भी ऊपर पहुँचा दिया। सोसाइटीवासियों ने इस ‘महामहंगे’ 100 के नोट की यात्रा रोकने के लिए सीधे डिप्टी रजिस्ट्रार वैभव कुमार से मिलकर चुनाव अधिकारी आशीष मौर्या की शिकायत ठोक दी। मांग साफ : चुनाव अधिकारी बदलो, वरना यह 100 रुपए वाली कहानी लंबी चलेगी।
बैठक में AOA के पूर्व अध्यक्ष, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, SOS ग्रुप, स्क्वाड टीम, और N1-N2-N3 कमिटी से जुड़े तमाम लोग ऐसे जुटे मानो सोसाइटी में नई फ़िल्म के ट्रेलर लॉन्च का कार्यक्रम हो : श्याम गुप्ता, उमेश शर्मा, गिरिजा शंकर वर्मा, आदित्य रघुवंशी, विजय चौहान, चितरंजन सिंह और मनीष कुमार।
“100 रुपए की पवित्र रसीद… जो किसी एक्ट में नहीं मिलती!”
पूर्व अध्यक्ष श्याम गुप्ता और अधिकृत प्रतिनिधि विजय चौहान ने बताया कि AOA की सदस्यता के नाम पर 100 रुपए की ‘कैश-ओनली’ वसूली की जा रही है।
ना कोई रसीद,
ना कोई नियम,
ना कोई एक्ट,
बस चुनाव अधिकारी के नाम पर खुली दरबार वसूली।
वसूली करने वालों का दावा :
“चुनाव अधिकारी ने कहा है, कैश दो… क्योंकि कैश इज किंग और सीधे उन्हीं तक जाना है!”
डिप्टी रजिस्ट्रार ने इसे सुनकर ही तुरंत घोषित कर दिया :
“यह वसूली गलत है, जवाब तलब होगा।”
(निवासियों ने राहत की सांस ली, कम से कम किसी ने तो कहा!)
“अधिकृत नहीं, पर फिर भी बैठक में हाजिर!”
चितरंजन सिंह और मनीष कुमार ने चुनाव अधिकारी की ‘VIP गेस्ट लिस्ट’ का भी खुलासा किया
पहली ही बैठक में चुनाव अधिकारी अपने साथ विशाल श्रीवास्तव और कुछ अन्य ‘अनधिकृत VIPs’ ले आए, जिन्हें बुलाने की अनुमति RTI में साफ-साफ नहीं निकली।
मतलब :
बैठक नहीं, पूरा ‘गुप्त सम्मेलन’ चल रहा था।
डिप्टी रजिस्ट्रार ने इस पर भी भौंहें चढ़ाईं और कहा :
“इसका भी जवाब तलब होगा।”
इलेक्शन कमिटी: “पहले नहीं लड़ेंगे चुनाव”… और फिर अचानक लड़ेंगे!
उमेश शर्मा, गिरिजा शंकर वर्मा और आदित्य रघुवंशी ने बताया कि चुनाव अधिकारी ने सितंबर में घोषणा की थी कि इलेक्शन कमिटी के सदस्य चुनाव में प्रतिभाग नहीं करेंगे। लेकिन 17/10/2025 को अचानक एक ‘चमत्कारिक आदेश’ जारी हुआ :
कमिटी अब चुनाव लड़ सकेगी!
नियमों की ऐसी-तैसी करते इस आदेश को भी डिप्टी रजिस्ट्रार ने पूरी तरह अनुचित बताया।
बैठक का निष्कर्ष :
निवासियों के अनुसार डिप्टी रजिस्ट्रार ने हर शिकायत गंभीरता से सुनी, 100 रुपए वसूली को गैरकानूनी बताया और चुनाव अधिकारी से विस्तृत जवाब माँगा है।
आश्वासन दिया :
“जवाब मिलने के बाद उचित कार्यवाई होगी।”
सोसाइटी में चर्चा :
“AOA का चुनाव है या 100 रुपए वाला ‘सुपर डील पैकेज’?
चुनाव अधिकारी बदलेगा या 100 रुपए फिर से आएँगे, देखना मजेदार होगा!”




