ग्रैंड अजनारा हेरिटेज सोसाइटी में फायर OC को लेकर उच्च न्यायालय का आदेश, अथॉरिटी के सीईओ को 2 हफ्ते के भीतर फैसला लेने का निर्देश

नोएडा: सेक्टर-74 स्थित ग्रैंड अजनारा हेरिटेज सोसाइटी काफी लंबे समय से फायर OC को लेकर अपनी लंबी लड़ाई लड़ रहा था, जिसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में धुआं निकालने वाला सिस्टम स्थापित करने और बेसमेंट में काम करने के लिए एक रिट दायर की। सोसायटी फायर एनओसी अगस्त 2021 से रद्द कर दिया गया है। इस मामले में 9 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। अदालत के समक्ष तथ्य और दस्तावेज पेश किए गए जिससे साबित होता है कि स्मोक एक्सट्रैक्टर सिस्टम पहले दिन से काम नहीं कर रहा है और यहां तक कि ओसी के स्मोक एक्सट्रैक्टर सिस्टम की वर्किंग स्टेटस जारी करते समय फायर एनओसी प्राप्त करते समय भी यह बात पूरी तरह से नजरअंदाज कर दी गई थी। मामले की गंभीरता और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को 2 हफ्ते के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया है। (आदेश में यह एक टाइपो त्रुटि है और 2 महीने का उल्लेख किया गया है, इस सुधार के लिए आवेदन दायर किया जाएगा)।
क्या था पूरा मामला
अभिनव बताते हैं कि हमारे यहां 14 टावर हैं। 2016 में बिल्डर को OC जारी कर दिया था जिसके बाद से लोगों ने रहना शुरू कर दिया था। कुछ समय बाद लोगों ने नोटीस किया कि यहाँ स्मोक एक्सट्रैक्टर सिस्टम काम नही कर रहा है, जिसके बाद हमने 2019 में नोएडा अथॉरिटी को कंप्लेंन किया था। 2019 में नोएडा अथॉरिटी की टीम आई और सोसाइटी का ऑडिट किया और उन्होंने भी यही बात पकड़ी कि स्मोक एक्सट्रैक्टर सिस्टम के फैन बेसमेंट में कहीं लगे थे और कहीं कहीं नहीं लगे थे और जो लगे थे वे भी चल नहीं रहे थे। इसके बाद फिर फायर डिपार्टमेंट 2019 में ही खुद भी ऑडिट के लिए आई और और सोसाइटी की फाइल NOC को ये कह कर रिमूव कर दिया कि आपके यहाँ स्मोक एक्सट्रैक्टर सिस्टम काम ही नहीं करता। अभिनव बताते हैं कि हमने 2023 में डीएम को शिकायत किया था। जिसका कोई एक्शन नहीं हुआ। उसके बाद हम यह मामला कोर्ट में ले गए थे। तब मामले की गंभीरता और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को 2 हफ्ते के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया है। (आदेश में यह एक टाइपो त्रुटि है कि 2 महीने का उल्लेख किया गया है, इस सुधार के लिए आवेदन दायर किया जाएगा)।

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